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राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निबंध
- प्रस्तावना
- नवीन पाठ्यक्रम स्तर 1. पूर्व प्राथमिक स्तर 2. प्राथमिक स्तर 3. माध्यमिक लेबल 4. सेकेंडरी लेवल 5. स्नातक लेवल
- शिक्षा में क्षेत्रीय भाषा
- उपसंहार
प्रस्तावना :- किसी भी देश के विकास में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि जिस देश में शिक्षा व्यवस्था अच्छी और उत्कृष्ट होती है उस देश का विकास बहुत तेजी से होता है और जिस देश में शिक्षा व्यवस्था लचर और कमजोर होती है उस देश के विकास में अनेकों प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती रहती है भारत में पुरानी शिक्षा नीति में परिवर्तन करके नई शिक्षा नीति लागू की गई जो कि एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि शिक्षा नीति में समय-समय पर परिवर्तन भी बहुत ही आवश्यक होता है जहां शिक्षा नीति 2020 में घोषित की गई और कई राज्यों में इसे लागू भी कर दी गई है।
नवीन पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम देश की वर्तमान स्थिति और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर जोड़ा गया है नवीनतम शिक्षा नीति को पांच प्रकार के स्तर में विभाजित किया गया है पहला स्तर पूर्व प्राथमिक स्तर दूसरा प्राथमिक स्तर तीसरा माध्यमिक स्तर चौथा सेकेंडरी स्तर और पांचवा स्नातक स्तर है जो कि(5+3+3+4) के फार्मूले में विभाजित है
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 निबंध - PDF
पूर्व प्राथमिक स्कूल :- इस स्तर में प्रथम वर्ष में नर्सरी क्लास द्वितीय स्तर में के जी क्लास तथा तृतीय या तीसरे वर्ष में अपर केजी क्लास के पाठ्यक्रम को रखा गया फिर इसके बाद में पहली और दूसरी कक्षा है पहली तथा दूसरी कक्षा में एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम के द्वारा बच्चों को सिखाया और पढ़ाया जाएगा जिसमें बच्चों की उम्र 3 से 8 वर्ष तक होगी अर्थात बच्चे 3 साल की उम्र में नर्सरी क्लास में प्रवेश करेगा और 8 वर्ष पश्चात वह तीसरी कक्षा में होगा।
प्राथमिक स्तर प्राथमिक स्तर में छात्र 8 वर्ष से 11 वर्ष तक रहेगा जिसमें आठवें वर्ष में वाह पूर्व प्राथमिक स्तर को पूर्ण करके प्राथमिक स्तर में प्रवेश करेगा और तीसरी कक्षा में प्रवेश लेगा इसके बाद यहां चौथी और पांचवी कक्षा भी इसी स्तर में पूर्ण करेगा जो कि एनसीईआरटी के द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम के द्वारा ही बच्चों को अध्ययन कराया जाएगा जिसमें की विज्ञान गणित जैसे कई विषयों की शिक्षा भी इसी स्तर में दी जाएगी।
माध्यमिक स्तर :- छात्र प्राथमिक स्तर पूर्ण करके माध्यमिक स्तर में प्रवेश करेगा जिसमें छात्र छठवीं सातवीं और आठवीं की कक्षा में अध्ययन करेगा जिसमें एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अलावा कौशल विकास की शिक्षा भी दी जाएगी।
सेकेंडरी स्तर :- इस स्तर में छात्र माध्यमिक स्तर को पूर्ण करके सेकेंडरी स्तर में प्रवेश लेगा जिसमें उसे कक्षा नौवीं दसवीं ग्यारहवीं और 12वीं कक्षा तक अध्ययन कराया जाएगा जिसमें छात्र को अपनी इच्छा अनुरूप विषय को चुनने की आजादी होगी जिसमें छात्र के स्किल को भी ध्यान में रखकर अध्ययन कराया जाएगा और उन्हें पाठ्यक्रम को पढ़कर याद रखने ही नहीं बल्कि उन्हें प्रैक्टिकली समझाया जाएगा जिससे कि उनके ज्ञान में वृद्धि हो इस स्तर की मुख्य बात यह है कि इसमें विषय चुनने की आजादी है जिससे कि छात्र से किसी अनैच्छिक विषय को चुनने का दबाव नहीं होगा।
Essay On New Education Policy in Hindi
स्नातक :- स्तर में छात्रों को 4 वर्ष का पाठ्यक्रम को जोड़ा गया है 4 वर्ष के पाठ्यक्रम पूर्ण करने के बाद स्नातक की डिग्री दी जाएगी और 4 वर्ष का पाठ्यक्रम करने वाले छात्रों को 1 वर्ष में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा कई छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूर्ण नहीं कर पाते तो अब उन्हें यदि वे 2 वर्ष तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं उसके बाद छोड़ते हैं तो उन्हें डिप्लोमा दिया जाएगा और जो छात्र 1 वर्ष की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद छोड़ता है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
शिक्षा में क्षेत्रीय भाषा :- प्राथमिक शिक्षा में अपनी क्षेत्रीय भाषा या मातृभाषा को इस नई शिक्षा नीति में जोड़ा गया है ताकि छात्र-छात्राएं अपने स्थानीय भाषा में भी शिक्षा प्राप्त कर सके।
उपसंहार :- नई शिक्षा नीति हमारे देश के लिए वरदान साबित होगी क्योंकि शिक्षा नीति में समय-समय पर परिवर्तन बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि देश और विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा है उसी तेजी से हमें भी और हमारी शिक्षा को भी आगे बढ़ना चाहिए तभी देश का तेजी से विकास हो पाएगा अन्यथा हम पिछड़ जाएंगे।
अतः शिक्षा नीति में परिवर्तन समय की मांग है।
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